अजब गजब: क्या भविष्य में नहीं बचेगा पृथ्वी पर ऑक्सीजन? सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा, जानिए इससे जुड़ी रिसर्च के बारे में ?

  • क्या भविष्य में ऑक्सीजन की हो जाएगी कमी
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडिया में हुआ दावा
  • रिसर्च में हुआ खुलासा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-25 20:04 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। क्या आने वाले भविष्य में धरती पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है ? ऐसा हम नहीं सोशल मीडिया पर एक वायरल एक वीडियो दावा कर रहा है। जिसमें बताया गया है कि दुनिया में जल्द ही ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है। ऐसे में यदि इस चीज को नजरअंदाज किया गया तो, धरती पर एक दिन ऐसा आएगा कि हम सांस लेने के लिए तरस सकते है। फिर देखते ही देखते पृथ्वी पर रह रहे प्राणियों का दम घुटन शुरू हो जाएगा और उन सभी की मृत्यु हो जाएगी। इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कोई पुष्टी नहीं की गई। पृथ्वी पर इंसानों को जीवत रहते के लिए कितनी ऑक्सीजन की आवशयकता होती होगी। इस बारे में एक रिसर्च की मदद से समझते हैं।

करीब 21 प्रतिशत ऑक्सीजन पृथ्वी पर हैं शेष

जानकारी की मुताबिक, मौजूदा समय में पृथ्वी के वायुमंडल पर लगभग 21 प्रतिशत ऑक्सीजन उपलब्ध है। मात्रा इतनी ऑक्सीजन के साहरे धरती पर जीव जंतु का जीवन टिका हुआ है। हालांकि, आपको यह बात जानकर काफी आश्चर्य होगा कि जब पृथ्वी बनी थी, तब वहां0 ऑक्सीजन की मात्रा शून्य थी। कई वर्षों के बाद भौतिक प्रकिया के जैसी ही प्रकाश संश्लेषण हुआ और धीरे-धीरे पृथ्वी पर ऑक्सीजन बढ़ना शुरू हो गई। हालांकि, धरती पर एक बार फिर से ऑक्सीजन की मात्रा घटना शुरू हो गई है। रिसर्च में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की गई है कि यदि भविष्य में ऑक्सीजन की घटती मात्रा को नहीं रोका गया, तो इसांन से लेकर सभी जीवों की मृत्यु होना शुरू हो जाएगी। ऐसे में पृथ्वी पर कभी भी जीवनयापन नहीं हो सकेगा।

ऑक्सीजन की कमी पर हुई थी स्टडी

पृथ्वी पर ऑक्सीजन की कमी को लेकर साल 2021 में स्टडी की गई थी। जिसे नेचर नाम की मैगजीन में पब्लिश किया गया था। इसमे कहा गया था कि आने वाले समय में धरती पर ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल सकती है। यदि वर्तमान की तुलना में देखा तो भविष्य में ऑक्सीजन करीब दस लाख गुना तक कम हो जाएगी। फिलहाल, इस चीज को होने में लगभग अरबों सालों का समय बचा हुआ है। मगर, उस समय तक पृथ्वी की स्थिति ठीक वैसी ही हो जाएगी जो करीब ढाई अरब वर्ष पहले थी। इस स्ट्डी को जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की क्रिस रेनहॉर्ड और जापान के टोहो विश्विद्यालय के प्रोफेसर का़जुमी ओजकी ने मिलकर की थी। इसे लेकर क्रिस रेनहॉर्ड कहती है कि अगले अरब सालों में धरती का वायुमंडल में ऑक्सीजन के उच्च स्तर को तो बरकरार रखने में कामयबा होगा। मगर, बाद में वह काफी तेजी से घटना भी शुरू हो जाएगा।

जानिए इसके पीछे होने का कारण

भविष्य में ऑक्सीजन की मात्रा आखिर कम क्यों हो जाएगी ?। इस बार में ओजकी ने बड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि स्टडी के वक्त हमने पाया कि धरती का ऑक्सीजन युक्त वातावरण स्थायी तौर पर मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ जब हमारा सूर्य बढ़ रहा होगा, तब वह गर्म होकर काफी दूर तक अपनी ऊर्जा छोड़ने लगेगा। जिसके चलते वातावरण मं कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी से घटने लगेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि C02 गर्मी को अवशोषित कर लेता है। जिसके बाद में वह टूट कर अलग हो जाती है। जब ऐसी ऐसी स्थिति में C02 वहां बचेगा ही नहीं तो यह प्रक्रिया कभी पूर्व नहीं हो सकेगी। ऐसे में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बेहद कम होता चला जाएगा। जिससे प्रकाश संश्लेषण करने वाले जीव जिसमें पौधे भी शामिल होते हैं, वे जीवीत रहने और ऑक्सीजन को प्रड्यूस करने में असफल हो जाएंगे। जिसके बाद धीरे-धीरे ये सब खत्म होते चले जाएंगे। फिर भविष्य में एक समय बाद इंसानों का जीवनयापन करने कठिन होने लगेगा। उस वक्त ऑक्सीजन केवल 5 प्रतिशत से भी कम मात्रा में मौजूद रहेगा।

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